Divis Lab Success Story : अक्सर कहा जाता है कि सफलता के लिए अकादमिक योग्यता एकमात्र मानदंड नहीं होती। यह बात मुरली डीवी की अद्भुत कहानी से स्पष्ट होती है, जिन्होंने 12वीं कक्षा में असफल होने के बावजूद, अपने दृढ़ संकल्प और कठिन परिश्रम से Divis Lab नामक एक विशाल फार्मास्युटिकल कंपनी की स्थापना की। इस लेख में हम उनके अनूठे और प्रेरणादायक सफर की गहराई में जाएंगे, जिसमें उन्होंने न केवल अपने सपनों को साकार किया, बल्कि एक ऐसी कंपनी का निर्माण किया जो आज वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित है।
मुरली डीवी की यह कहानी न केवल उन लोगों के लिए एक प्रेरणा है जो शैक्षिक असफलताओं का सामना कर रहे हैं, बल्कि उन सभी के लिए भी जो अपने सपनों को साकार करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। तो चलिए, इस असाधारण यात्रा पर एक नजर डालते हैं।
How Did Divis Lab Success Story Start?
आंध्र प्रदेश के साधारण परिवार में जन्मे मुरली डीवी की कहानी संघर्ष और साहस की मिसाल है। आर्थिक तंगी के बीच बड़े हुए मुरली के पिता एक कंपनी में नौकरी करते थे, और उनकी मेहनती तनख्वाह से ही पूरे परिवार की जरूरतें पूरी होती थीं।
बचपन से ही पढ़ाई में मामूली, मुरली ने 12वीं कक्षा में दो बार असफलता का सामना किया। फिर भी, हार मानना उनके शब्दकोष में नहीं था। इस दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ, वे सिर्फ 25 साल की उम्र में 1976 में अमेरिका की ओर रुख कर गए।
Forbes India की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका जाने के समय मुरली की जेब में मात्र 500 रुपए थे। इस छोटी सी रकम से शुरुआत करके आज वे करोड़ों के मालिक बन चुके हैं, यह उनकी अदम्य साहस और कठिन परिश्रम का परिणाम है।
अमेरिका में सफलता की नई ऊंचाइयां: मुरली डीवी का प्रवास
अमेरिका पहुंचने पर, मुरली डीवी ने वहां एक फार्मासिस्ट के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। उनकी मेहनत और लगन से, उन्होंने अमेरिका में प्रति वर्ष लगभग 65,000 डॉलर (तकरीबन 54 लाख रुपए) की आय अर्जित की।
कुछ वर्षों तक अमेरिका में काम करने के बाद, मुरली डीवी ने भारत वापसी का निश्चय किया। इस यात्रा के अंत में, उनके पास जमा हुए थे लगभग 33 लाख रुपए, जो उन्होंने अपनी परिश्रम से अर्जित किए थे।
भारत आकर शुरू किया अपना बिजनेस
अमेरिका से अपनी जन्मभूमि भारत लौटने के बाद, मुरली डीवी के सामने भविष्य का स्पष्ट रोडमैप नहीं था। लेकिन, उन्होंने इसे अपनी यात्रा का एक नया अध्याय माना और भारत वापस आ गए। यहां आकर, मुरली ने 1984 में फार्मा सेक्टर में कदम रखा और एक कंपनी के साथ कार्य किया। इस अनुभव ने उन्हें 1990 में अपनी खुद की कंपनी Divis Lab की स्थापना की प्रेरणा दी, जिसकी पहली इकाई उन्होंने तेलंगाना में स्थापित की।
Divis Lab में, मुरली ने दवाइयों के निर्माण में आवश्यक API, यानी एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रेडिएंट्स के कच्चे माल के उत्पादन पर ध्यान केंद्रित किया। उनकी यह कंपनी आज फार्मा सेक्टर में API निर्माण करने वाली विश्व की तीन प्रमुख कंपनियों में से एक है।
Divis Lab Success Story Journey
Divis Lab Success Story Overview
Aspect | Details |
---|---|
Founder | Murli Divi |
Origin | From Andhra Pradesh, India |
Early Life | Born into a poor family facing economic hardships |
Education | Struggled academically, failed 12th grade twice |
Initial Career | Started working as a pharmacist in the United States |
Earnings in the USA | Earned approximately $65,000 per year (equivalent to about 54 lakh INR at the time) |
Return to India | Returned to India in 1984 with a plan to start his own venture |
Early Career in India | Worked in the pharma sector upon returning to India |
Establishment of Divis Lab | Founded Divis Lab in 1990, initially set up the first unit in Telangana, India |
Divis Lab Focus | Focused on the production of Active Pharmaceutical Ingredients (APIs) |
Current Status of Divis Lab | One of the top three companies globally in the API manufacturing sector |
Company Valuation | Approximately 1 lakh crore INR |
Annual Revenue | Generates revenue in the range of crores INR annually |
विशाल व्यावसायिक सफलता का प्रतीक: Divis Lab का अद्भुत विकास
1984 में स्थापित होने से लेकर आज तक, Divis Lab ने अपने आप को एक विशाल व्यावसायिक साम्राज्य के रूप में स्थापित किया है। आज, इस कंपनी का मूल्यांकन भारतीय बाजार में लगभग 1 लाख करोड़ रुपए के आसपास है। Divis Lab न केवल वित्तीय रूप से शक्तिशाली है, बल्कि यह प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये का राजस्व भी उत्पन्न करती है, जो इसकी अद्भुत व्यावसायिक कुशलता और बाजार में प्रभुत्व को दर्शाता है।
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आशा है कि आपको यह लेख पढ़कर Divis Lab की प्रेरणादायक सफलता की कहानी की विस्तृत जानकारी प्राप्त हुई होगी। हमारी गुजारिश है कि इस जानकारी को अपने मित्रों और परिचितों के साथ भी साझा करें, जिससे वे भी इस उद्यमी यात्रा से प्रेरित हो सकें। Divis Lab की इस अद्भुत कहानी से और भी ज्यादा जानने के लिए, बने रहिए हमारे साथ taazzatimes.com पर, जहां आपको ऐसे ही अन्य प्रेरक लेखों का संग्रह मिलेगा।